Indian Penal Code 1860 - Chapter XX
[The law was made defunct on 27 September 2018 by Supreme Court of India as it called the law unconstitutional because it "treats a husband as the master.]
Section 497 in Indian Penal Code
Whoever
has sexual intercourse with a person who is and whom he knows or has reason to
believe to be the wife of another man, without the consent or connivance of
that man, such sexual intercourse not amounting to the offence of rape, is
guilty of the offence of adultery, and shall be punished with imprisonment of
either description for a term which may extend to five years, or with fine, or
with both. In such case the wife shall not be punishable as an abettor.
Classification of Offence-
>> It is Non-Cognizable- Bailable offence and triable by first Class magistrate,
>>Punishment—Simple imprisonment for 5 years or Fine or Both
धारा 497 आईपीसी- व्यभिचार , IPC Section 497 , IPC Section 497
जो भी कोई ऐसी महिला के साथ, जो किसी अन्य पुरुष की पत्नी है और जिसका किसी अन्य पुरुष की पत्नी होना वह विश्वास पूर्वक जानता है, बिना उसके पति की सहमति या उपेक्षा के शारीरिक संबंध बनाता है जो कि बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आता, वह व्यभिचार के अपराध का दोषी होगा, और उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा। ऐसे मामले में पत्नी दुष्प्रेरक के रूप में दण्डनीय नहीं होगी।
अपराध की श्रेणी
व्यभिचार
व्यभिचार
>>यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय है I यह अपराध महिला के पति की सहमति द्वारा समझौता करने योग्य है।
>>सजा - 5 वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
व्यभिचार | 5 साल या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
if you have any doubt, please let me know